VC विनय पाठक फरार: जहाँ-जहाँ रहे कुलपति, वहाँ से कुंडली निकाल रही है STF, अन्य की भी सूची तैयार

यूपी स्थित आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रभारी रहे घूसखोर कुलपति विनय पाठक (VC Vinay Pathak) की कुंडली STF ने खंगालनी शुरू कर दी है। पाठक जिस भी यूनिवर्सिटी में रहे और जो नियुक्तियाँ एवं निविदाएँ निकालीं, उसकी जाँच की जा रही है।



उधर लखनऊ में एफआइआर दर्ज होने के बाद से पाठक लापता हैं और उनका मोबाइल बंद है। विश्वविद्यालय प्रशासन को भी पाठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। दरअसल, विभिन्न मामलों में पूछताछ में एसटीएफ उनसे संपर्क करने का प्रयास कर रही है। कहा जा रहा है कि पाठक के हर राजनीतिक दल में पहुँच है और उन्हें बचाने वाले नेता से लेकर नौकरशाही और न्यायपालिका तक में लोग मौजूद हैं।

इतना ही नहीं, आगरा के आंबेडकर विश्वविद्यालय के बाद लखनऊ के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) से भी STF पाठक की कुंडली निकाल रही है। पाठक यहाँ भी छह साल (04 अगस्त 2015 से 02 अगस्त 2021) तक कुलपति रहे थे। 

आगरा के साथ-साथ लखनऊ के विश्वविद्यालय में पाठक के नजदीकी, शिक्षक और कर्मचारी भी एसटीएफ के रडार पर हैं। अभी तक इनकी संख्या 10 बताई जा रही है। इनसे पूछताछ की जा रही है। हो सकता है कि इनमें कुछ को सरकारी गवाह भी बनाया जाए। 


पाठक ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद कमेटियों से जिन शिक्षकों को हटा दिया था, उनसे एसटीएफ संपर्क करने का प्रयास कर रही है। पाठक से नाराज रहने वाले या उनके गलत कामों का विरोध करने वाले शिक्षकों से भी एसटीएफ संपर्क कर रही है। इन लोगों से बहुत जानकारी मिली हैं।

एसटीएफ ने पाठक के खासमखास रहे लोगों और योजनाओं का प्रभार देख रहे शिक्षकों-कर्मचारियों की सूची तैयार की है। इसमें गोपनीय, संबद्धता, परीक्षा, वित्त और विभिन्न सरकारी योजनाओं का कार्य देखने वाले लोग हैं। कुलपति ने इन्हें परीक्षा संबंधी कार्य में केंद्र निर्धारण, कोर्स स्थायी करने, कॉलेजों को संबद्धता देने, योजनाओं में आए बजट और बिल भुगतान जैसे मामले दिए थे। 

इनमें कमीशनखोरी, कार्य कराने के लिए रिश्वत लेने समेत कई आरोप हैं। एसटीएफ ने जाँच से संबंधित आवश्यक रिकॉर्ड प्राप्त करने की अनुमति कुलपति से माँग ली है। कुलपति प्रो. आशु रानी ने बताया कि एसटीएफ एमबीबीएस, बीएएमएस की कॉपियां बदलने और प्रभारी कुलपति रहे विनय पाठक के मामले की जांच कर रही है। 


वहीं, पाठक के खामसखास और कंप्यूटर के दुकान से अरबों की कंपनी खड़ा करने वाले अजय मिश्रा की कंपनी को पाठक ने कब-कब और किन विश्वविद्यालयों में परीक्षा का काम सौंपा था, इसका ब्योरा तैयार किया जा रहा है। एसटीएफ सभी साक्ष्य एकत्र करने के बाद पाठक से पूछताछ करेगी। 

वहीं, कॉन्ग्रेस का छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन देकर पाठक को निलंबित करने की मांग की। इसके लिए उसने धरना भी दिया। 

हालाँकि, भाजपा और संघ से जुड़ी विद्यार्थी परिषद (ABVP) इस मामले पर पूरी तरह खामोश है। उसने शिक्षा में इस कदाचार के लिए पाठक पर किसी तरह की कार्रवाई की माँग नहीं की है।



Post a Comment

Previous Post Next Post