असीम शक्तियों से युक्त करती हैं ये योग मुद्राएं, कालचक्र से आगे निकल जाता है मनुष्य

सनातन धर्म की साधना पद्धतियों में मुद्रा का विधान है। मुद्रा का कर्मकांड से प्रत्यक्ष संबंध ना होकर इसका चेतना से सीधा संबंध है। अपने तात्विक स्वरुप वैसा नहीं है, जैसा बाह्य रूप में दिखायी देता है। मालिनी विजयोत्तर तन्त्र में लिखा भी है कि मुद्रा शिवशक्ति है। इसके अनुग्रह या शक्ति से साधक मन्त्र सिद्धि प्राप्त कर लेता है।


स्वास्थ्य एवं रोग उपचार की दृष्टी से आजकल ध्यान मुद्रा, वायु मुद्रा, शून्य मुद्रा, पृथ्वी मुद्रा, वरुण मुद्रा, सूर्य मुद्रा, प्राण मुद्रा, शिवलिंग मुद्रा आदि का उपयोग हो रहा है। योगशास्त्र में महामुद्रा, महाबन्ध, महावेध, खेचरी मुद्रा, उड्डियान, मूलबन्ध, जालन्धर बांध, विपरीतकरणी, वज्रोली, शक्तिचालिनी, नभो मुद्रा, योनि मुद्रा, वज्राणी मुद्रा, तडागी मुद्रा, माण्डवी मुद्रा, शाम्भवी मुद्रा, अश्विनी मुद्रा, पाशिनी मुद्रा, काकी मुद्रा, मातंगी मुद्रा, भुजंगी मुद्रा, पञ्चधारिणी मुद्रा आदि मुद्राओं का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है।



कुछ मुद्राएँ विशेष रूप से तंत्र शास्त्र में वर्णित हैं जिनमें प्रमुख रूप से त्रिखंडा, सर्वसंक्षोभकारिणी, सर्वविद्राविणी, आकर्षिणी, सर्वावेषकरी, उन्मादिनी, महान्कुषा, खेचरी, समय मुद्रा, संहार मुद्रा, बीज मुद्रा, तथा योनि मुद्रा आदि हैं। आश्चर्यजनक सिद्धियां प्रदान करने वाली ये मुद्रायें हठयोग के अन्तर्गत वर्णित हैं।

मुद्राओं का तत्काल और सूक्ष्म प्रभाव शरीर की आंतरिक ग्रन्थियों पर पड़ता है। इन मुद्राओं के माध्यम से शरीर के अवयवों तथा उनकी क्रियाओं को प्रभावित, नियन्त्रित किया जा सकता है। एकदम विलक्षण और चमत्कारी लाभ पहुंचाने वाली इन मुद्राओं का अलग-अलग क्रिया विधि है। एक साधक के लिए इनको जानना अति आवश्यक है।


इन मुद्राओं को सिद्ध करने वाला व्यक्ति आनंद की चरम अनुभूति प्राप्त करने लगता है। इसके साथ ही समय और काल के चक्र से बाहर निकलकर इनका भोक्ता होने की अपेक्षा इनका साक्षी हो जाता है। मनमामिक कार्य करना, हवा में उड़ना, पानी पर चलना आदि इन सिद्ध पुरुषों के सामान्य बात हो जाती है। इन मुद्राओं को सिद्ध करने के पश्चात व्यक्ति भूत और भविष्य को देखने लगता है। वह परमात्मा से साक्षात्कार करने लगता है। हालांकि, इन मुद्राओं को गुरु के मार्ग-दर्शन में सिद्ध करना चाहिए, अन्यथा इसके विपरीत परिणाम भी सामने आते हैं। 

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