CSJMU के कुलपति विनय पाठक पर भर्तियों में घोटाले का आरोप, बलिया के JNCU की VC कल्पलता पांडे के खिलाफ भी जाँच

उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी (CSJMU) के कुलपति विनय पाठक और उनके साझेदार अजय मिश्रा की रिश्वतखोरी और धांधली सामने के बाद अब असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियों में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। कहा जा रहा है कि विनय पाठक जहाँ-जहाँ कुलपति वहाँ-वहाँ अजय मिश्रा को फायदा पहुँचाया, वित्तीय अनियमितता की और नियुक्तियों में करीबियों की भर्ती की।

बलिया के JNCU की VC कल्पलता पांडे (बाएँ) और कानपुर के CSJMU के कुलपति विनय पाठक (दाएँ)

CSJMU में वर्ष 2021 और 2022 में हुई असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के मामले में अब लोगों ने शिकायतें करनी भई शुरू कर दी हैं। कल्याणपुर निवासी घनश्याम मिश्रा ने आरोप लगाया है कि पैसों की माँग पूरी न करने पर उनकी भर्ती नहीं की गई। वह 110 अंक लाकर पहले स्थान पर रहे, लेकिन कम अंक वालों की भर्ती हो गई। 

इसी प्रकार 20 अक्टूबर 2021 में भी परीक्षा की औपचारिकता पूरी करके तीन अन्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति करा दी गई। उन्होंने आरोप लगाया है कि एक अधिकारी ने इशारों-इशारों में उनसे रिश्वत माँगी थी और न देने पर उन्हें बाहर कर गया गया था।

इन्होंने विवि के दो प्रोफेसरों पर तीन लाख रुपए की मांग करने का आरोप लगाया है। आरोप लगाया कि पैसा नहीं दिया था, उसी दिन शाम पाँच बजे ही तीन दावेदारों की नियुक्ति करा दी गई थी। 

इसके बाद 2022 में निकली भर्ती में आवेदन के बाद 21 अगस्त को लिखित परीक्षा हुई, जिसमें 110 अंकों के साथ पहले स्थान पर था, लेकिन कम अंक लाने वालों की भर्ती हो गई, लेकिन उनको नियुक्ति नहीं दी गई।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति में घपले का यह पहला मामला नहीं है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया (Ballia) स्थित जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय (JNCU) की कुलपति प्रोफेसर कल्पलता पांडेय (Kalplata Pandey) भी असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर सिर्फ स्वजातीय लोगों की भर्ती के मामले में जाँच के घेरे में हैं। 

कल्पलता पांडे पर आरोप है कि 2022 में सेवानिृत होने से पहले विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के 16 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए दिसंबर 2021 में विज्ञापन जारी किया गया था। 

जिन 16 पदों के लिए नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाली गई थी, इनमें अनारक्षित और EWS वर्ग के पद शामिल हैं। इन्होंने धांधली करते हुए 16 पदों में से 13 पर ब्राह्मणों और 3 पर भूमिहार को बैठा दिया।

मामला बाहर आते ही अन्य अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत की। हालाँकि, लंबे समय तक शिकायत की अनदेखी होती रही। मीडिया भी चुप रही। लेकिन बढ़ते दबाव को देखते हुए यूपी की कुलाधिपति (राज्यपाल) आनंदीबेन पटेल के उपसचिव हेमंत कुमार चौधरी ने जाँच कराने और नियमानुसार कार्यवाही का निर्देश दिया है।

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